देश धरम पर मित्नेवाला
शेर शिवा का छावा था
महापराक्रमी परम्प्रतापी
एक ही शम्भू राजा था ||
तेजपुंज तेजस्वी आँखे
नीकल गई पर झुकी नही
दृष्टी गई पर राष्ट्र उत्थान का
दिव्या सपना तों मीटा नही ||
दोनों पैर कटे शम्भू के
धेय्या मार्ग से हटा नही
दोनों हाथ कटे तों क्या हुआ
सत्कर्म कभी भी रुका नही||
शेर शिवा का छावा था
महापराक्रमी परम्प्रतापी
एक ही शम्भू राजा था ||
तेजपुंज तेजस्वी आँखे
नीकल गई पर झुकी नही
दृष्टी गई पर राष्ट्र उत्थान का
दिव्या सपना तों मीटा नही ||
दोनों पैर कटे शम्भू के
धेय्या मार्ग से हटा नही
दोनों हाथ कटे तों क्या हुआ
सत्कर्म कभी भी रुका नही||
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